आतिथ्य क्षेत्र में वित्तीय स्थिरता: रीवा के होटलों में परिचालन दक्षता एवं प्रबंधकीय रणनीतियों का मिश्रित-विधि अनुसंधान
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Abstract
रीवा जिले के होटल उद्योग में वित्तीय स्थिरता को प्रभावित करने वाले कारकों एवं प्रबंधकीय रणनीतियों का गहन विश्लेषण करने हेतु यह अध्ययन एक मिश्रित-विधि उपागम अपनाता है। अनुप्रस्थ-काट (क्रॉस-सेक्शनल) शोध डिजाइन के तहत, रीवा जिले के 20 विविध होटलों (लघु, मध्यम, बृहत) का एक स्तरीकृत नमूना लिया गया। प्राथमिक डेटा संरचित प्रश्नावली एवं अर्ध-संरचित साक्षात्कारों के माध्यम से एकत्र किया गया, जिसका विश्लेषण सांख्यिकीय परीक्षणों (वर्णनात्मक सांख्यिकी, पियर्सन सहसंबंध, एनोवा) तथा विषयगत विषयवस्तु विश्लेषण द्वारा किया गया। प्रमुख निष्कर्षों से पता चलता है कि परिचालन लागत में वृद्धि शुद्ध लाभ मार्जिन के लिए सबसे बड़ा खतरा है, जिसके बीच एक उच्च नकारात्मक सहसंबंध (r = -0.72, p<0.001) पाया गया। मध्यम श्रेणी के होटल सर्वाधिक दबाव में हैं, जो निम्नतम औसत लाभ मार्जिन (12.1%) दर्शाते हैं, जबकि लघु होटलों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा। एनोवा परीक्षण ने आकार समूहों के बीच लाभ मार्जिन में सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण अंतर (p=0.011) की पुष्टि की। गुणात्मक विश्लेषण ने नकदी प्रवाह की गंभीर बाधाओं, ऋण प्रबंधन की चुनौतियों, और अल्पकालिक प्रबंधकीय सामना रणनीतियों को उजागर किया। ये वित्तीय दबाव सेवा गुणवत्ता एवं ग्राहक अनुभव पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की क्षमता रखते हैं। अध्ययन, अंततः, तीन-स्तरीय रणनीतिक हस्तक्षेप प्रस्तावित करता है: (1) होटल प्रबंधकों के लिए लागत अनुकूलन हेतु प्रौद्योगिकी अपनाना एवं राजस्व धाराओं का विविधीकरण, (2) नीति निर्माताओं के लिए क्षेत्र-विशिष्ट वित्तीय सुविधाएँ एवं कौशल विकास कार्यक्रम, और (3) उद्योग निकायों के लिए सामूहिक सौदेबाजी एवं सर्वोत्तम अभ्यास साझाकरण को बढ़ावा देना। यह शोध रीवा जैसे गैर-महानगरीय पर्यटन क्षेत्रों में होटल उद्योग की वित्तीय सुदृढ़ता के लिए एक व्यावहारिक रोडमैप प्रस्तुत करता है।