महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा): ग्राम स्वराज की अवधारणा की ओर एक सशक्त कदम

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कृष्ण कुमार शर्मा

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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ग्रामीण भारत में सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला एक ऐतिहासिक कानून है। यह अधिनियम ग्रामीण परिवारों को वर्ष में कम से कम 100 दिनों का बेरोजगारी रहित रोजगार उपलब्ध कराने की कानूनी गारंटी देता है। 2020–2025 के बीच हुए शोधों से यह स्पष्ट होता है कि मनरेगा ने गरीबी उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण, पलायन में कमी, जल संरक्षण, ग्रामीण अवसंरचना विकास और टिकाऊ आजीविका को बढ़ावा दिया है। हालांकि, भुगतान में देरी, भ्रष्टाचार, न्यून मजदूरी, राजनीतिक हस्तक्षेप, तथा सामाजिक अंकेक्षण की प्रभावशीलता की चुनौतियाँ अब भी बनी हुई हैं। ई-गवर्नेंस, स्थानीय योजना निर्माण, कुशल श्रमिक विकास, और कार्य दिवसों में वृद्धि जैसे सुधार इसे और अधिक प्रभावशाली बना सकते हैं। मनरेगा आज भी ग्रामीण भारत के लिए महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की भावना को सशक्त रूप में जीवंत करता है।

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